PM Kisan Beneficiary List 2025: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 20वीं किस्त का इंतजार कर रहे किसानों के लिए बड़ी खबर है। सरकार ने संकेत दिए हैं कि 20वीं किस्त जुलाई 20 से जारी हो सकती है। जिन किसानों का आवेदन और दस्तावेज़ सही हैं, उनके खातों में ₹2,000 की राशि सीधे ट्रांसफर की जाएगी। इससे पहले केंद्र सरकार 19 किस्तों के तहत करोड़ों किसानों को राहत पहुंचा चुकी है। इस बार जिन किसानों की ई-केवाईसी पूरी नहीं है, उन्हें इस किस्त से वंचित किया जा सकता है। इसलिए किसान जल्द से जल्द ई-केवाईसी और भू-अधिकार सत्यापन करा लें।
लाभार्थी सूची कैसे देखें
यदि आप जानना चाहते हैं कि आपका नाम इस बार की लाभार्थी सूची में है या नहीं, तो आप पीएम किसान योजना की आधिकारिक वेबसाइट के जरिए चेक कर सकते हैं। वेबसाइट पर जाकर ‘बेनिफिशियरी स्टेटस’ के विकल्प में जाकर आधार नंबर, बैंक अकाउंट नंबर या मोबाइल नंबर से जानकारी प्राप्त की जा सकती है। अगर आपके खाते में पिछली किस्तें समय से आई हैं और आपकी ई-केवाईसी भी अपडेट है, तो संभावना है कि आपको भी ₹2,000 की यह किस्त समय पर मिल जाएगी। किसी भी गलती से बचने के लिए सभी दस्तावेजों की स्थिति की जांच अवश्य करें।
ई-केवाईसी है जरूरी
सरकार ने इस बार ई-केवाईसी को अनिवार्य कर दिया है। जिन किसानों ने अब तक अपना ई-केवाईसी नहीं कराया है, उनकी 20वीं किस्त रोकी जा सकती है। यह प्रक्रिया पीएम किसान पोर्टल या नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के माध्यम से पूरी की जा सकती है। ई-केवाईसी के तहत किसान को OTP या बायोमैट्रिक के जरिए अपनी पहचान सत्यापित करनी होती है। यदि यह प्रक्रिया अधूरी है, तो उनका नाम लाभार्थी सूची से हटा दिया जाएगा। इसलिए यह सुनिश्चित करें कि आपने समय रहते यह प्रक्रिया पूरी कर ली हो।
भू-अधिकार सत्यापन भी जरूरी
भू-अधिकार प्रमाणन की प्रक्रिया भी इस बार की किस्त के लिए अनिवार्य कर दी गई है। सरकार अब यह जांचना चाहती है कि जो किसान लाभ ले रहे हैं, वे वास्तव में खेती कर रहे हैं या नहीं। इसके तहत किसानों को अपनी जमीन के रिकॉर्ड को अपडेट कराना होगा और इसे संबंधित पोर्टल पर अपलोड करना होगा। जिनका रिकॉर्ड अपलोड नहीं है या किसी तरह की विसंगति है, उन्हें इस बार किस्त नहीं मिलेगी। यह कदम पारदर्शिता बनाए रखने और फर्जी लाभार्थियों को हटाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
आवेदन में गलती तो रोक सकती है राशि
कई बार किसानों द्वारा आवेदन में नाम, बैंक खाता नंबर या IFSC कोड में गलती कर दी जाती है, जिससे किस्त खाते में नहीं आ पाती। इसलिए यह जरूरी है कि आप अपने आवेदन की स्थिति चेक करें और अगर कोई गलती हो तो उसे तुरंत सुधारें। पीएम किसान पोर्टल पर लॉगिन करके ‘Edit Aadhaar Failure Records’ सेक्शन से आप सुधार कर सकते हैं। अगर आपकी जानकारी सही है और फिर भी राशि नहीं आई है, तो आप अपने जिले के कृषि अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।
हेल्पलाइन नंबर से लें सहायता
अगर किसी किसान को किस्त से संबंधित कोई दिक्कत हो रही है या उसे यह जानना है कि उसका आवेदन क्यों रिजेक्ट हुआ, तो वह हेल्पलाइन नंबर 155261 या 1800115526 पर कॉल कर सकता है। इसके अलावा, pmkisan.gov.in पर ‘फार्मर कॉर्नर’ सेक्शन में भी कई विकल्प दिए गए हैं, जहां से स्थिति जानी जा सकती है। सरकार ने यह सिस्टम पारदर्शी रखने के लिए डिज़ाइन किया है ताकि हर पात्र किसान को समय पर लाभ मिल सके और उन्हें भटकना न पड़े।
कब आएगी अगली किस्त?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 20वीं किस्त जुलाई 20 के बाद किसी भी समय किसानों के खाते में आ सकती है। हालांकि, सरकार की ओर से इसकी आधिकारिक तारीख की घोषणा नहीं की गई है। पिछली किस्त अप्रैल 2025 में भेजी गई थी, और योजना के अनुसार हर चार महीने में किस्त भेजी जाती है। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे नियमित रूप से अपने बैंक खातों की जांच करते रहें और पीएम किसान पोर्टल पर लॉगिन कर अपनी स्थिति देखें। इससे समय रहते अपडेट मिल सकेगा और कोई गड़बड़ी न हो।
पिछली किस्तों की स्थिति
अब तक इस योजना के तहत देशभर के करोड़ों किसानों को लगभग ₹2 लाख करोड़ से अधिक की राशि सीधे खातों में भेजी जा चुकी है। हर किस्त ₹2,000 की होती है और साल में कुल तीन बार भेजी जाती है – अप्रैल, अगस्त और दिसंबर में। जिन किसानों को पिछली बार किस्त नहीं मिली थी, वे इस बार विशेष रूप से ध्यान रखें कि उनकी सभी जानकारी अपडेट हो। जिन किसानों की समस्या नहीं सुलझती, वे नजदीकी CSC सेंटर पर जाकर मदद ले सकते हैं या जिले के कृषि कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।
अस्वीकृति
इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न मीडिया स्रोतों और सरकारी पोर्टल पर आधारित है। नियमों में समय-समय पर बदलाव हो सकते हैं। इसलिए पाठकों से अनुरोध है कि वे किसी भी अंतिम निर्णय से पहले पीएम किसान योजना की आधिकारिक वेबसाइट या संबंधित अधिकारी से जानकारी प्राप्त करें। यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से प्रस्तुत किया गया है और इसे किसी प्रकार की कानूनी या वित्तीय सलाह न समझा जाए। लेखक या प्रकाशक किसी भी प्रकार की त्रुटि या नुकसान के लिए उत्तरदायी नहीं होगा। निर्णय लेते समय विवेक और सत्यापित स्रोतों का सहारा लें।