Old Pension Scheme: सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को बड़ी राहत देते हुए फिर से पुरानी पेंशन योजना (OPS) को लागू कर दिया है। यह निर्णय कई महीनों की चर्चा और कर्मचारियों की लंबी मांग के बाद लिया गया है। नई पेंशन योजना (NPS) के तहत जहां रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली रकम शेयर मार्केट पर आधारित होती थी, वहीं OPS के तहत रिटायरमेंट के बाद तय मासिक पेंशन मिलती है। यह फैसला कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक मजबूत कदम माना जा रहा है। इससे लाखों कर्मचारियों को सीधे फायदा मिलेगा और रिटायरमेंट के बाद आर्थिक चिंता से काफी हद तक राहत मिलेगी।
किन राज्यों में लागू
फिलहाल कुछ राज्य सरकारों ने सबसे पहले पुरानी पेंशन योजना को पुनः लागू किया है। राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, हिमाचल प्रदेश और पंजाब जैसे राज्यों में यह योजना पहले ही वापस आ चुकी थी। अब केंद्र सरकार ने भी संकेत दिए हैं कि सभी पात्र कर्मचारियों को इसका लाभ देने पर विचार किया जा रहा है। इससे देशभर के करोड़ों सरकारी कर्मचारी लाभान्वित होंगे। योजना की वापसी से कर्मचारियों में उत्साह देखने को मिल रहा है और कई राज्यों में कर्मचारियों ने इसका स्वागत करते हुए खुशी जताई है। अगर केंद्र से पक्की अधिसूचना आती है तो यह पूरे देश में लागू हो सकती है।
कर्मचारियों की मांग
सरकारी कर्मचारियों की लंबे समय से यह प्रमुख मांग रही है कि NPS को खत्म कर दोबारा OPS शुरू की जाए। उनका मानना था कि NPS में रिटायरमेंट के बाद स्थिर आय की गारंटी नहीं होती, जिससे बुढ़ापे में आर्थिक अनिश्चितता बनी रहती है। इसके उलट OPS के तहत एक तय पेंशन मिलती है, जो महंगाई भत्ते के साथ समय-समय पर बढ़ती भी रहती है। कई कर्मचारी संगठनों ने इस मुद्दे को लेकर धरना प्रदर्शन भी किया था। सरकार की इस घोषणा के बाद अब यह प्रतीत होता है कि उनकी आवाज सुनी गई है और अब उन्हें फिर से स्थायी और सुरक्षित पेंशन मिलने वाली है।
क्या है पुरानी योजना
पुरानी पेंशन योजना (OPS) एक ऐसी स्कीम थी जिसमें रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी को उसकी अंतिम सैलरी के आधार पर जीवनभर मासिक पेंशन मिलती थी। इसमें कर्मचारी को अपनी सैलरी का कोई हिस्सा नहीं देना पड़ता था और सरकार पूरी राशि देती थी। साथ ही महंगाई भत्ता (DA) भी समय-समय पर बढ़ता रहता था। यह योजना 2004 से पहले नियुक्त हुए कर्मचारियों पर लागू होती थी। 2004 के बाद नई पेंशन योजना लागू कर दी गई थी जो मार्केट लिंक्ड है। OPS की वापसी से अब पुराने दिनों जैसा भरोसेमंद रिटायरमेंट सिस्टम फिर से लौट रहा है।
NPS बनाम OPS
नई पेंशन योजना (NPS) और पुरानी पेंशन योजना (OPS) में बहुत बड़ा अंतर है। NPS में कर्मचारी और सरकार दोनों का योगदान होता है और यह राशि शेयर बाजार में निवेश की जाती है। इससे रिटायरमेंट के समय मिलने वाली राशि निश्चित नहीं होती। वहीं OPS में कर्मचारी की अंतिम सैलरी का एक तय प्रतिशत पेंशन के रूप में जीवनभर मिलता है। कर्मचारियों को OPS ज्यादा फायदेमंद और भरोसेमंद लगती है क्योंकि इसमें बाजार के उतार-चढ़ाव का कोई जोखिम नहीं होता। यही कारण है कि कर्मचारी बार-बार OPS की मांग करते आ रहे थे और अब वह पूरी होती दिख रही है।
युवाओं के लिए राहत
पुरानी पेंशन योजना की वापसी से सिर्फ वर्तमान कर्मचारी ही नहीं, बल्कि नई भर्ती वाले युवाओं को भी राहत मिलेगी। जो युवा सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें अब यह भरोसा मिलेगा कि नौकरी मिलने पर भविष्य आर्थिक रूप से सुरक्षित रहेगा। इससे सरकारी नौकरियों का आकर्षण और बढ़ेगा और अधिक लोग इस दिशा में प्रयासरत होंगे। इसके अलावा भविष्य में रिटायरमेंट प्लानिंग भी आसान हो जाएगी क्योंकि पेंशन एक स्थिर और नियमित आय का स्रोत होता है। सरकार की यह घोषणा युवा उम्मीदवारों के लिए एक बड़ी उम्मीद की किरण बनकर आई है।
सरकार का पक्ष
सरकार की तरफ से कहा गया है कि यह निर्णय कर्मचारियों के हित को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। सरकार मानती है कि कर्मचारियों की सेवा के बदले उन्हें रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा मिलनी चाहिए। साथ ही कुछ राज्यों के अच्छे अनुभव को देखते हुए केंद्र भी इस दिशा में गंभीर है। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि इसके लिए वित्तीय प्रबंधन और लॉन्ग टर्म बजट प्लान तैयार किया जाएगा ताकि भविष्य में कोई दिक्कत न हो। सरकार यह सुनिश्चित करने की कोशिश में है कि कर्मचारियों को स्थायी पेंशन मिले और सरकारी वित्तीय ढांचे पर भी दबाव न पड़े।
कब तक लागू होगा
पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की प्रक्रिया राज्य स्तर पर शुरू हो चुकी है, जबकि केंद्र सरकार इसकी नीति पर विचार कर रही है। उम्मीद है कि 2025 के मध्य तक इससे जुड़ी कोई बड़ी घोषणा केंद्र से आ सकती है। कर्मचारियों को सलाह दी जाती है कि वे अभी के लिए किसी अफवाह पर ध्यान न दें और सिर्फ सरकारी नोटिफिकेशन का इंतजार करें। अगर यह योजना केंद्र द्वारा लागू होती है तो यह पूरे देश में एक जैसा असर डालेगी और भविष्य में भर्ती होने वाले लाखों उम्मीदवारों को भी लाभ मिलेगा। फिलहाल सभी की निगाहें सरकार की अगली घोषणा पर टिकी हैं।
अस्वीकृति
यह लेख केवल सामान्य जानकारी और जनहित के लिए लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारियां विभिन्न मीडिया स्रोतों, सरकारी संकेतों और कर्मचारी संगठनों के बयानों पर आधारित हैं। सरकारी नीतियां समय-समय पर बदल सकती हैं और किसी योजना के लागू होने की पुष्टि आधिकारिक अधिसूचना के बाद ही मानी जानी चाहिए। पाठकों को सलाह दी जाती है कि किसी भी वित्तीय निर्णय या योजना के लाभ के लिए आधिकारिक पोर्टल या विभागीय सूचना को ही अंतिम मानें। लेखक या यह प्लेटफॉर्म किसी भी त्रुटि या गलतफहमी के लिए उत्तरदायी नहीं होगा।