Gold Price 18 July: आज सोने की कीमतों में जो गिरावट देखी गई है, उसने आम निवेशकों और व्यापारियों को हैरान कर दिया है। पिछले कुछ हफ्तों में सोने की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही थी, लेकिन अब अचानक इसमें ₹500 से लेकर ₹800 प्रति 10 ग्राम तक की गिरावट सामने आई है। यह गिरावट दिल्ली, मुंबई, जयपुर, लखनऊ, पटना जैसे बड़े शहरों में साफ देखी जा सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर की मजबूती, फेडरल रिजर्व की दरों की स्थिरता और घरेलू मांग में कमी के चलते आई है। अब सोने में निवेश करने वाले लोग दोराहे पर हैं – निवेश जारी रखें या मुनाफा निकालें।
22 कैरेट और 24 कैरेट में फर्क
सोने के दामों में गिरावट का असर दोनों कैरेट यानी 22K और 24K सोने पर देखने को मिल रहा है। आज के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में 22 कैरेट सोने की कीमत ₹54,300 प्रति 10 ग्राम पर आ गई है जबकि 24 कैरेट सोने की कीमत ₹59,200 प्रति 10 ग्राम है। इसी तरह मुंबई में 22 कैरेट सोना ₹54,000 और 24 कैरेट ₹58,900 पर उपलब्ध है। 22 कैरेट सोना आमतौर पर गहनों के लिए इस्तेमाल होता है और उसमें थोड़ी मिश्र धातु रहती है, जबकि 24 कैरेट पूरी तरह शुद्ध सोना होता है। ऐसे में जिन लोगों ने ऊंचे दामों पर खरीदी की थी, उनके लिए ये समय थोड़ा सोच समझकर चलने का है।
आपके शहर में क्या हैं दाम?
अगर आप जानना चाहते हैं कि आपके शहर में आज के ताज़ा सोने के दाम क्या हैं, तो यहां प्रमुख शहरों के दाम दिए गए हैं। दिल्ली में 22K – ₹54,300, 24K – ₹59,200। मुंबई में 22K – ₹54,000, 24K – ₹58,900। कोलकाता में 22K – ₹54,100, 24K – ₹59,000। चेन्नई में 22K – ₹54,500, 24K – ₹59,700। लखनऊ, जयपुर, पटना, रांची, भोपाल जैसे शहरों में भी ₹400 से ₹600 की गिरावट आई है। आप स्थानीय ज्वेलर्स या एप्स जैसे कि इंडिया बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन के ऐप से रियल-टाइम दाम देख सकते हैं, जो हर घंटे अपडेट होते हैं।
क्या निवेश का यह सही समय है?
सोने की कीमतों में आई गिरावट को कुछ विशेषज्ञ एक निवेश का मौका मानते हैं। उनका मानना है कि यह एक अस्थायी गिरावट है और आने वाले त्योहारों और वेडिंग सीजन में सोने की मांग बढ़ेगी जिससे कीमतें दोबारा ऊपर जा सकती हैं। अगर आप लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करना चाहते हैं, तो यह समय आपके लिए लाभदायक हो सकता है। हालांकि, शॉर्ट टर्म में ट्रेडिंग करने वालों को थोड़ी सतर्कता बरतनी चाहिए। निवेश से पहले कीमतों का ट्रेंड, वैश्विक आर्थिक गतिविधियां और डॉलर की चाल जरूर देखें ताकि कोई नुकसान न हो।
घरेलू मांग और ट्रेंड
घरेलू बाजार में सोने की मांग मानसून, त्योहारी सीजन, विवाह समारोह और आय स्तर पर निर्भर करती है। इस समय ग्रामीण इलाकों में आय में कमी और मानसून की अनिश्चितता के चलते मांग कुछ कम है। इसी वजह से व्यापारियों ने स्टॉक कम कर दिया है जिससे कीमतों पर दबाव बना है। लेकिन आने वाले महीनों में नवरात्रि, दीवाली और शादी के सीजन में मांग बढ़ने की पूरी उम्मीद है। ऐसे में फिलहाल की गिरावट एक अस्थायी ट्रेंड हो सकती है, जिसे समझदारी से निवेश के अवसर में बदला जा सकता है।
ग्लोबल फैक्टर्स का असर
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतें डॉलर की चाल, ब्याज दरें, युद्ध जैसी स्थिति और क्रूड ऑयल की कीमतों से प्रभावित होती हैं। फिलहाल डॉलर इंडेक्स मजबूत हुआ है और फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरें स्थिर रखी हैं, जिससे ग्लोबल गोल्ड प्राइसेज में गिरावट आई है। इसके साथ ही चीन और अमेरिका के बीच तनाव की स्थिति थोड़ी स्थिर हो गई है, जिससे निवेशकों का झुकाव सोने से हटकर इक्विटी की ओर हो गया है। ऐसे में भारतीय बाजार भी इन ग्लोबल संकेतों से प्रभावित हुआ है और यहां सोने की कीमतें नीचे आई हैं।
सोने में कैसे करें स्मार्ट निवेश
सोने में निवेश करने के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं – फिजिकल गोल्ड (गहने, सिक्के), डिजिटल गोल्ड, गोल्ड ईटीएफ, गोल्ड म्यूचुअल फंड और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड। मौजूदा माहौल में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड और डिजिटल गोल्ड को सुरक्षित माना जा रहा है क्योंकि इनमें स्टोरेज और मेकिंग चार्ज का झंझट नहीं होता। वहीं गोल्ड ETF बाजार भाव पर आधारित होता है और इसे शेयर मार्केट की तरह खरीदा बेचा जा सकता है। अगर आप गहने खरीदना चाहते हैं, तो मेकिंग चार्ज और टैक्स को ध्यान में रखते हुए डिस्काउंट ऑफर्स वाले ज्वेलर्स से खरीदारी करना फायदेमंद रहेगा।
अस्वीकृति
इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न समाचार स्रोतों, वित्तीय वेबसाइटों और बाजार के उपलब्ध आंकड़ों पर आधारित है। यहां दी गई सोने की कीमतें समय और शहर के अनुसार बदल सकती हैं, इसलिए खरीददारी या निवेश से पहले अपने स्थानीय ज्वेलर या अधिकृत स्रोत से मूल्य की पुष्टि अवश्य करें। यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है और यह किसी प्रकार की निवेश सलाह नहीं है। पाठकों से अनुरोध है कि वे किसी भी वित्तीय निर्णय से पहले अपनी स्वयं की रिसर्च करें या किसी योग्य वित्तीय सलाहकार से संपर्क करें।