₹100 के फटे नोट पर RBI का बड़ा फैसला, अब नहीं चलेगा कोई बहाना! Damaged Currency Exchange

Damaged Currency Exchange: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ₹100 के फटे, पुराने और कटे-फटे नोटों को लेकर बड़ा फैसला लिया है। अब कोई भी बैंक इन नोटों को लेने से मना नहीं कर सकेगा। RBI ने सभी बैंकों को निर्देश दिए हैं कि वे निर्धारित मानकों के अनुसार ग्राहकों से कटे-फटे या खराब हो चुके ₹100 के नोट स्वीकार करें और उन्हें वैध करेंसी से बदलें। यह फैसला इसलिए जरूरी हो गया था क्योंकि अक्सर बैंक फटे नोटों को लेने से मना कर देते थे और ग्राहक को परेशानी होती थी। अब RBI की सख्ती के बाद बैंकों को यह सुविधा अनिवार्य रूप से देनी होगी। इस फैसले से ग्राहकों को बड़ी राहत मिलेगी।

कौनसे नोट बदलेंगे

RBI ने स्पष्ट कर दिया है कि वह सभी कटे, गले हुए या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त ₹100 के नोटों को बदलने की सुविधा देगा। लेकिन इसके लिए कुछ नियम तय किए गए हैं। अगर नोट का नंबर, गवर्नर के हस्ताक्षर और सुरक्षा धागा साफ दिखाई देता है, तो वह नोट वैध माना जाएगा और बदला जा सकेगा। यदि नोट का 50% हिस्सा सुरक्षित है, तो ग्राहक को पूरा मूल्य मिलेगा। अगर इससे कम हिस्सा है, तो नोट का मूल्य कम भी किया जा सकता है। नोट का नकली होना या जानबूझकर फाड़ा जाना नोट बदलने से वंचित कर सकता है।

कहां जाएं बदलवाने

ग्राहक अपने नजदीकी किसी भी शाखा बैंक में जाकर ₹100 के फटे या कटे हुए नोट बदल सकते हैं। इसके लिए किसी फॉर्म या पहचान पत्र की आवश्यकता नहीं होती। यह सेवा मुफ्त है और सभी सार्वजनिक एवं निजी बैंकों में उपलब्ध है। हालांकि, कई बार बैंक कर्मचारी इस नियम की जानकारी नहीं रखते और ग्राहकों को अस्वीकार कर देते हैं। ऐसे में ग्राहक RBI की वेबसाइट या स्थानीय बैंक प्रबंधक को इसकी शिकायत कर सकते हैं। आरबीआई का आदेश स्पष्ट है – अगर नोट नियमों के अनुसार है, तो उसे बदलना ही होगा।

कितना मिलेगा मूल्य

नोट के मूल्य का निर्धारण उसकी स्थिति पर निर्भर करता है। अगर ₹100 के नोट का 50% से अधिक भाग बचा है और उसमें सीरियल नंबर व सुरक्षा चिह्न साफ है, तो ग्राहक को पूरा ₹100 मिलेगा। लेकिन अगर केवल 40% हिस्सा बचा है, तो नोट अस्वीकार किया जा सकता है या आंशिक राशि दी जा सकती है। कुछ विशेष मामलों में बैंक आंतरिक मूल्यांकन कर निर्णय लेते हैं। यदि नोट दो टुकड़ों में है, लेकिन दोनों हिस्से आपस में मेल खाते हैं, तो भी वह वैध माना जाएगा। यह नियम पारदर्शिता और ग्राहक सुविधा को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं।

पुराने नोटों पर स्थिति

भले ही ₹100 के नोटों की डिजाइन बदली हो, पुराने नोट अभी भी मान्य हैं। यदि वह पुराने सीरीज का है लेकिन असली और सुरक्षित है, तो उसे भी बदला जा सकता है। कई बार ग्राहक पुराने नोटों को लेकर भ्रम में रहते हैं कि यह वैध है या नहीं। आरबीआई का कहना है कि जब तक किसी नोट को वैध मुद्रा से बाहर घोषित नहीं किया जाता, तब तक वह चलन में माना जाएगा। इसलिए यदि आपके पास 2010 या उससे पहले के ₹100 के नोट हैं और वे कटे-फटे हैं, तो भी आप उन्हें बैंक में जाकर आसानी से बदल सकते हैं।

बैंक की मनमानी पर रोक

ग्राहकों की सबसे बड़ी शिकायत यही रही है कि बैंक कर्मचारी नोट की स्थिति को देखकर मनमानी करते हैं। कई बार वे यह कहकर नोट बदलने से इनकार कर देते हैं कि यह पॉलिसी के बाहर है या मशीन में नहीं जा रहा। अब आरबीआई ने साफ निर्देश दिया है कि कोई भी बैंक ग्राहक को मना नहीं कर सकता अगर नोट RBI के गाइडलाइंस के तहत आता है। बैंक कर्मचारी अगर जानबूझकर मना करते हैं, तो उस बैंक पर दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है। ग्राहक को अब पूरी जानकारी के साथ अपने अधिकार का इस्तेमाल करना चाहिए।

आरबीआई की गाइडलाइन

RBI ने फटे और कटे-फटे नोटों को लेकर ‘नोट रिफंड रूल्स’ (Note Refund Rules) जारी किए हैं। इस नियमावली में साफ तौर पर बताया गया है कि किस प्रकार के नोट स्वीकार किए जाएंगे और किस आधार पर उनका मूल्य तय होगा। यह गाइडलाइन सभी बैंकों के लिए अनिवार्य है और हर शाखा में इसके अनुसार काम होना चाहिए। ग्राहक भी RBI की वेबसाइट से इन नियमों को पढ़ सकते हैं और प्रिंट निकालकर साथ लेकर बैंक जा सकते हैं। इस तरह की पारदर्शिता से ग्राहक और बैंक के बीच विवाद की संभावना कम हो जाती है।

ग्राहकों को सलाह

अगर आपके पास कटे या फटे ₹100 के नोट हैं, तो उन्हें अब घर में रखना बंद करें। बैंक जाकर उन्हें तुरंत वैध नोट में बदल लें। अगर बैंक मना करता है, तो बैंक मैनेजर को नियम दिखाएं या आरबीआई की हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराएं। नोट को खराब हालत में और अधिक रखने से वह पूरी तरह नष्ट हो सकता है, जिससे फिर उसका मूल्य नहीं मिलेगा। इसलिए समय रहते उसे बदलवा लेना ही समझदारी है। यह प्रक्रिया आसान और मुफ्त है, केवल सही जानकारी होना जरूरी है।

अस्वीकृति

यह ब्लॉग पोस्ट ₹100 के फटे नोटों से संबंधित आरबीआई के नवीनतम दिशा-निर्देशों पर आधारित है। इसमें दी गई सभी जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध रिपोर्ट्स और आरबीआई के आधिकारिक दस्तावेज़ों से संकलित की गई है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि किसी भी अंतिम निर्णय से पहले संबंधित बैंक शाखा या आरबीआई की वेबसाइट से नवीनतम अपडेट अवश्य प्राप्त करें। नियमों में समय-समय पर बदलाव संभव है। लेखक इस जानकारी की पूर्णता या सटीकता की कोई कानूनी जिम्मेदारी नहीं लेता। यह लेख केवल सूचना प्रदान करने के उद्देश्य से लिखा गया है।

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