सहारा निवेशकों को बड़ी राहत! जानें कैसे CRCS पोर्टल से मिलेगा रिफंड CRCS Sahara Refund

CRCS Sahara Refund: सहारा इंडिया में वर्षों से अटकी निवेशकों की रकम को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक कदम उठाया है। कोर्ट के निर्देश पर केंद्र सरकार ने CRCS-सहारा रिफंड पोर्टल लॉन्च किया है, जिससे लाखों निवेशकों को सीधा फायदा मिलने वाला है। लंबे समय से सहारा ग्रुप के खिलाफ शिकायतें आ रही थीं कि निवेश की गई राशियों का भुगतान नहीं किया जा रहा। अब कोर्ट ने 5000 करोड़ रुपये की राशि निवेशकों को लौटाने के निर्देश दिए हैं। यह कदम उन छोटे निवेशकों के लिए उम्मीद की किरण बना है जिन्होंने अपनी गाढ़ी कमाई सहारा की विभिन्न योजनाओं में लगाई थी।

क्या है CRCS-सहारा रिफंड पोर्टल

CRCS यानी Central Registrar of Cooperative Societies द्वारा लॉन्च किया गया यह पोर्टल सहारा ग्रुप की चार सहकारी समितियों से संबंधित निवेशकों को रिफंड दिलाने के उद्देश्य से बनाया गया है। ये चार समितियां हैं – Sahara Credit Cooperative Society, Saharayan Universal Multipurpose Society, Hamara India Credit Cooperative Society और Stars Multipurpose Cooperative Society। जिन निवेशकों ने इन संस्थाओं में पैसा लगाया था, वे पोर्टल के माध्यम से अपनी क्लेम रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है और घर बैठे पूरी की जा सकती है।

कौन कर सकता है क्लेम

CRCS पोर्टल पर केवल वही निवेशक क्लेम कर सकते हैं जिन्होंने 22 मार्च 2022 से पहले सहारा की उपरोक्त चार संस्थाओं में निवेश किया था। निवेश की अवधि पूरी हो चुकी होनी चाहिए और सभी मूल दस्तावेज मौजूद होने चाहिए। जिन निवेशकों के पास प्रमाणित पासबुक, निवेश की रसीद और आधार से लिंक्ड बैंक खाता है, वे आसानी से क्लेम फाइल कर सकते हैं। इसके अलावा आधार का मोबाइल नंबर से लिंक होना भी आवश्यक है, क्योंकि वेरिफिकेशन के लिए OTP आधारित प्रणाली लागू की गई है।

आवेदन की प्रक्रिया

CRCS पोर्टल पर आवेदन करने के लिए निवेशक को सबसे पहले पोर्टल पर जाकर “Investor Registration” पर क्लिक करना होगा। इसके बाद आधार नंबर और मोबाइल नंबर डालकर OTP के ज़रिए लॉगिन करना होगा। लॉगिन के बाद अपनी पासबुक की स्कैन कॉपी, निवेश की रसीद और पहचान पत्र अपलोड करना होगा। इसके बाद दावा राशि दर्ज करनी होगी और डिक्लेरेशन स्वीकार करना होगा। पूरी जानकारी भरने के बाद आवेदन को सबमिट करना होगा और रिफरेंस नंबर सुरक्षित रखना जरूरी होगा, जिससे आगे की स्थिति ट्रैक की जा सके।

कितना और कब मिलेगा पैसा

सरकार ने पहले चरण में 5000 करोड़ रुपये की राशि रिफंड के लिए निर्धारित की है। हर निवेशक को अधिकतम ₹10,000 तक की राशि मिलने की संभावना है, ताकि छोटे निवेशकों को पहले राहत दी जा सके। यह एक प्रारंभिक कदम है और सरकार ने संकेत दिया है कि अगर यह प्रक्रिया सफल रहती है तो आगे और भी राशि जारी की जा सकती है। भुगतान की प्रक्रिया 45 से 60 दिनों में पूरी होने की संभावना है, और राशि सीधे बैंक अकाउंट में ट्रांसफर की जाएगी।

रिफंड की स्थिति कैसे ट्रैक करें

निवेशक पोर्टल पर लॉगिन कर अपनी क्लेम की स्थिति भी ट्रैक कर सकते हैं। लॉगिन करने के बाद “Track Claim Status” विकल्प पर क्लिक करके रजिस्ट्रेशन नंबर या आधार नंबर के ज़रिए पता लगाया जा सकता है कि आवेदन किस स्थिति में है। यदि कोई दस्तावेज़ अधूरा हो या वेरिफिकेशन में कोई गलती हो, तो उस स्थिति में पोर्टल पर संबंधित सूचना उपलब्ध कराई जाती है और सुधार की प्रक्रिया भी बताई जाती है। इस पारदर्शी प्रणाली से निवेशकों का भरोसा बढ़ा है।

दस्तावेजों की जांच होगी सख्त

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि फर्जी दावों पर रोक लगाने के लिए दस्तावेजों की जांच बेहद सख्ती से की जाएगी। यदि किसी ने गलत जानकारी दी या फर्जी दस्तावेज अपलोड किए, तो उसका क्लेम रिजेक्ट कर दिया जाएगा और कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है। इसलिए निवेशकों से अपील की गई है कि वे केवल सही और प्रमाणिक दस्तावेज ही अपलोड करें। आधार और बैंक खाते की जानकारी एक-दूसरे से मेल खानी चाहिए और पहचान पत्र भी स्पष्ट और वैध होना चाहिए।

आगे क्या होगा?

अगर यह प्रक्रिया सफल रहती है तो सरकार और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बाकी बचे निवेशकों को भी क्रमवार भुगतान किया जाएगा। इसके लिए CRCS और अन्य नियामक निकायों के सहयोग से डाटा का एक बड़ा सत्यापन अभियान भी चलाया जा रहा है। आने वाले महीनों में ₹10,000 से अधिक दावों को भी स्वीकार किया जा सकता है। इससे न केवल निवेशकों को राहत मिलेगी, बल्कि सहारा जैसी संस्थाओं के खिलाफ सरकार की सख्ती का भी संकेत जाएगा। इससे वित्तीय धोखाधड़ी पर लगाम लगेगी और लोगों का विश्वास वापस आएगा।

अस्वीकृति

यह ब्लॉग पोस्ट सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी और सरकारी पोर्टल पर दर्ज डाटा पर आधारित है। इसमें दी गई जानकारी केवल जागरूकता फैलाने और निवेशकों को प्रक्रिया समझाने के उद्देश्य से तैयार की गई है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि किसी भी प्रकार की वित्तीय कार्रवाई या दस्तावेज़ जमा करने से पहले आधिकारिक पोर्टल या संबंधित विभाग से जानकारी अवश्य सत्यापित कर लें। यह लेख किसी कानूनी या वित्तीय सलाह के रूप में न लिया जाए और किसी भी हानि या विवाद के लिए लेखक या प्रकाशक जिम्मेदार नहीं होंगे।

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