Mutual Fund SIP Returns: अगर आप भी हर महीने ₹2000 बचा सकते हैं तो अब फिक्स्ड डिपॉजिट में पैसा फंसाने की जरूरत नहीं है क्योंकि SIP यानी सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान के जरिए आप करोड़ों का फंड तैयार कर सकते हैं। SIP एक ऐसा निवेश माध्यम है जो छोटी-छोटी रकम को लंबी अवधि में बड़ा बना देता है। अगर कोई व्यक्ति 25 साल की उम्र में ₹2000 की SIP शुरू करता है और इसे लगातार 25 से 30 साल तक जारी रखता है तो वह करोड़ों का फंड बना सकता है। इसके लिए जरूरी है कि वह सही म्यूचुअल फंड चुने और निवेश में अनुशासन बनाए रखे। रिटायरमेंट, बच्चों की पढ़ाई या घर खरीदने जैसे बड़े सपनों को पूरा करने का यह स्मार्ट तरीका है।
SIP क्या है और कैसे काम करता है
SIP एक फाइनेंशियल टूल है जिसमें आप हर महीने एक निश्चित रकम म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं। इसमें आपका पैसा शेयर मार्केट से जुड़ी योजनाओं में जाता है जिसे एक्सपर्ट फंड मैनेजर संभालते हैं। SIP का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह बाजार के उतार-चढ़ाव को संतुलित करता है और लंबी अवधि में अच्छे रिटर्न देता है। हर महीने की गई छोटी-छोटी बचत से यह निवेश धीरे-धीरे एक बड़ा कॉर्पस बना देता है। SIP में कंपाउंडिंग का जादू भी काम करता है जिससे हर साल आपके ब्याज पर भी ब्याज मिलता है और फंड तेजी से बढ़ता है। यही कारण है कि यह तरीका FD से कहीं बेहतर है।
₹2000 की SIP से कितना मिलेगा रिटर्न
अगर आप हर महीने ₹2000 की SIP करते हैं और मान लीजिए औसतन 12 प्रतिशत सालाना रिटर्न मिलता है तो 25 साल बाद आपका निवेश करीब 30 लाख और 30 साल बाद लगभग 60 लाख से ऊपर पहुंच सकता है। लेकिन अगर यही रिटर्न 15 प्रतिशत के करीब रहा तो 30 साल में यह रकम 1 करोड़ रुपये तक भी पहुंच सकती है। SIP में जितनी लंबी अवधि तक आप निवेश करते हैं उतना ही ज्यादा कंपाउंडिंग का असर बढ़ता है। यह निवेश धीरे-धीरे चलता है लेकिन जब इसकी रफ्तार पकड़ती है तो यह FD या किसी अन्य सुरक्षित निवेश साधन से कई गुना ज्यादा रिटर्न दे सकता है।
FD से क्यों बेहतर है SIP
फिक्स्ड डिपॉजिट में ब्याज दर आमतौर पर 6 से 7 प्रतिशत के बीच रहती है और उस पर टैक्स भी लगता है। वहीं SIP में निवेश लंबी अवधि के लिए किया जाए तो 12 से 15 प्रतिशत तक का रिटर्न संभव होता है। इसके अलावा SIP में आप हर महीने थोड़ी-थोड़ी रकम निवेश कर सकते हैं जबकि FD में एकमुश्त बड़ा अमाउंट चाहिए होता है। SIP में टैक्स छूट की सुविधा भी मिलती है अगर आप ELSS फंड चुनते हैं। सबसे खास बात यह है कि SIP में पैसा लॉक नहीं होता और आप जरूरत पड़ने पर इसे निकाल भी सकते हैं। ऐसे में FD छोड़कर SIP एक समझदारी भरा फैसला बन जाता है।
निवेश करने से पहले ध्यान देने योग्य बातें
SIP शुरू करने से पहले जरूरी है कि आप अपने निवेश का मकसद तय करें जैसे रिटायरमेंट, बच्चों की पढ़ाई या घर खरीदना। इसके बाद उस मकसद के अनुसार योजना और अवधि का चयन करें। बाजार में सैकड़ों म्यूचुअल फंड हैं लेकिन सभी में निवेश करना सही नहीं होता। आपको अपने रिस्क प्रोफाइल के अनुसार फंड चुनना चाहिए। एक्सपर्ट्स की सलाह लें और अच्छी रेटिंग वाले फंड को ही प्राथमिकता दें। SIP लंबी दौड़ का घोड़ा है इसलिए इसमें धैर्य बनाए रखना बहुत जरूरी है। कभी-कभी बाजार गिरता है लेकिन SIP में वही समय और भी ज्यादा यूनिट खरीदने का मौका बनता है।
SIP में निवेश कैसे करें
आजकल SIP शुरू करना बेहद आसान हो गया है। आप किसी भी म्यूचुअल फंड की वेबसाइट, मोबाइल ऐप या फिनटेक प्लेटफॉर्म के जरिए SIP शुरू कर सकते हैं। इसके लिए आपका PAN कार्ड, आधार और बैंक खाता जरूरी है। एक बार KYC हो जाने के बाद आप अपने अनुसार हर महीने की तारीख और रकम तय कर सकते हैं। रकम आपके खाते से ऑटोमैटिक कट जाती है जिससे निवेश की आदत बनी रहती है। शुरुआत में ₹500 से भी SIP शुरू की जा सकती है लेकिन ₹2000 की नियमित SIP आपको लंबी अवधि में बड़ा फंड तैयार करने में ज्यादा मदद करती है।
कौन-कौन से फंड हैं बेहतर
यदि आप 12 प्रतिशत से अधिक रिटर्न की उम्मीद रखते हैं तो आपको इक्विटी म्यूचुअल फंड की ओर ध्यान देना चाहिए। इनमें Mirae Asset Large Cap Fund, Axis Growth Opportunities Fund, SBI Small Cap Fund जैसे कई अच्छे विकल्प हैं। अगर आप थोड़ा सुरक्षित निवेश चाहते हैं तो Balanced Advantage Funds और Hybrid Equity Funds भी सही रहते हैं। शुरुआत करने वालों के लिए ELSS भी अच्छा विकल्प होता है जिससे टैक्स छूट भी मिलती है। फंड चुनते समय पिछले 5 से 10 वर्षों का रिटर्न, एक्सपेंस रेशियो और फंड मैनेजर की परफॉर्मेंस को जरूर देखें।
अस्वीकृति
यह लेख केवल सामान्य निवेश जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दिए गए आंकड़े अनुमान पर आधारित हैं और बाजार की स्थिति के अनुसार बदल सकते हैं। म्यूचुअल फंड बाजार जोखिमों के अधीन होते हैं इसलिए निवेश से पहले किसी वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य करें। किसी भी SIP स्कीम में निवेश करने से पहले उसकी पूरी जानकारी पढ़ें और जोखिम को समझें। इस लेख में दी गई जानकारी से संबंधित किसी भी निवेश निर्णय की पूरी जिम्मेदारी पाठक की होगी।